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जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: भारत की राजनीति पर प्रभाव

By राजेश कुमार
16 min read
विषय टैग | Topics
#भारत#उपराष्ट्रपति#जगदीप धनखड़#इस्तीफा#संविधान#राजनीति#स्वास्थ्य#अनुच्छेद 67(क)

सारांश | Summary

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह घोषणा को की गई, जिससे देश के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। इस लेख म...

जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा: कारण और प्रभाव

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह घोषणा को की गई, जिससे देश के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। इस लेख में, हम उनके इस्तीफे के संभावित कारणों, भारतीय राजनीति पर इसके प्रभाव और आगे की राह का गहन विश्लेषण करेंगे।

इस्तीफे के कारण: अटकलें और विश्लेषण

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। सबसे प्रमुख अटकलों में से एक यह है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से यह कदम उठाया। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने का निर्णय लिया है। यह भी संभव है कि राजनीतिक दबाव या अन्य व्यक्तिगत कारक भी उनके इस्तीफे का कारण बने हों। अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, इसलिए अटकलें जारी हैं।

संविधान और प्रक्रिया

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(क) के अनुसार, उपराष्ट्रपति अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपते हैं। इस्तीफे के बाद, राष्ट्रपति को चुनाव आयोग को सूचित करना होता है, जो नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करता है। उपराष्ट्रपति का पद तब तक खाली रहता है जब तक कि नया उपराष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हो जाता। इस दौरान, राज्यसभा के उपसभापति उपराष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन करते हैं।

राजनीतिक प्रभाव

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सबसे पहले, यह सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। नए उपराष्ट्रपति के चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। दूसरा, यह विभिन्न राज्य विधानसभा चुनावों और आगामी लोकसभा चुनावों को भी प्रभावित कर सकता है। विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग रही हैं। सत्तारूढ़ दल ने उनके योगदान की सराहना की है, जबकि विपक्ष ने इस्तीफे के कारणों पर सवाल उठाए हैं।

आगे की राह: संभावित उम्मीदवार और चुनाव प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति के पद के लिए कई संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। सत्तारूढ़ दल अपने किसी वरिष्ठ नेता को उम्मीदवार बना सकता है, जबकि विपक्ष संयुक्त रूप से किसी उम्मीदवार को मैदान में उतार सकता है। उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 में वर्णित है। उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।

निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा एक महत्वपूर्ण घटना है जो भारतीय राजनीति को प्रभावित करेगी। उनके इस्तीफे के कारणों को लेकर अटकलें जारी हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसका राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। नए उपराष्ट्रपति के चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, और यह घटना आगामी चुनावों को भी प्रभावित कर सकती है।

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा क्यों दिया?

उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए इस्तीफा दिया, जैसा कि उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में बताया। स्रोत: लाइव हिंदुस्तान

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद क्या होता है?

उपराष्ट्रपति का इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा जाता है, जो चुनाव आयोग को सूचित करते हैं। फिर, नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है।

उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।

लेखक के बारे में | About the Author

राजेश कुमार

नेक्स्ट पावर एशिया रिसर्च टीम के सदस्य

Member of Next Power Asia Research Team

अनुसंधान अस्वीकरण | Research Disclaimer

यह लेख स्वतंत्र अनुसंधान और विश्लेषण पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के हैं और जरूरी नहीं कि वे किसी संस्था की नीति को दर्शाते हों।

This article is based on independent research and analysis. The views expressed are those of the author and do not necessarily reflect institutional policy.