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तहव्वुर राणा: 26/11 हमले में खुलासे, पाक सेना की भूमिका

By डॉ. अंजना सिंह
20 min read
विषय टैग | Topics
#तहव्वुर राणा#26/11 मुंबई हमला#आतंकवाद#पाकिस्तान सेना#खुलासे#प्रत्यर्पण#डेविड हेडली#लश्कर-ए-तैयबा

सारांश | Summary

26/11 मुंबई हमला, भारत के इतिहास का एक काला अध्याय, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है तहव्वुर राणा, जो इस हमले की साजिश में शामिल था, के चौंकाने वाल...

तहव्वुर राणा का सनसनीखेज खुलासा: 26/11 मुंबई हमले में पाकिस्तान सेना का हाथ

26/11 मुंबई हमला, भारत के इतिहास का एक काला अध्याय, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है तहव्वुर राणा, जो इस हमले की साजिश में शामिल था, के चौंकाने वाले खुलासे। राणा ने न केवल अपनी भूमिका स्वीकार की है, बल्कि पाकिस्तानी सेना और लश्कर-ए-तैयबा के साथ अपने संबंधों का भी पर्दाफाश किया है। इन खुलासों ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया मोड़ ला दिया है।

तहव्वुर राणा के मुख्य खुलासे

तहव्वुर राणा ने मुंबई पुलिस के सामने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। News18 हिंदी के अनुसार, राणा ने स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तानी सेना के लिए जासूसी करता था। उसने खाड़ी युद्ध के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राणा ने यह भी बताया कि वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख सदस्यों के संपर्क में था और उसे 26/11 हमले की योजना के बारे में पूरी जानकारी थी। उसके इन खुलासों ने पाकिस्तान सेना की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • राणा ने पाकिस्तानी सेना के लिए जासूसी करने की बात स्वीकार की।
  • उसने खाड़ी युद्ध के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख सदस्यों के संपर्क में था।
  • उसे 26/11 हमले की योजना के बारे में पूरी जानकारी थी।

डेविड हेडली के साथ संबंध

तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच गहरे संबंध थे। हेडली, जो एक अमेरिकी नागरिक था, 26/11 हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल था। राणा ने हेडली को मुंबई में रहने और अपने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की थी। दोनों ने मिलकर कई साजिशें रचीं और पाकिस्तान से आतंकवादियों को भारत भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके संबंधों की जांच से पता चलता है कि यह हमला कितना सुनियोजित और संगठित था।

पाकिस्तान सेना की भूमिका

राणा के खुलासे पाकिस्तान सेना की 26/11 हमले में संभावित संलिप्तता पर गंभीर सवाल उठाते हैं। राणा ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन दे रहे थे और उन्हें हमले की योजना के बारे में पूरी जानकारी थी। यदि यह सच है, तो यह पाकिस्तान सरकार के लिए एक गंभीर आरोप होगा और भारत-पाकिस्तान संबंधों को और खराब कर सकता है।

प्रत्यर्पण और कानूनी प्रक्रिया

भारत सरकार तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है ताकि उसे भारत में मुकदमे का सामना करना पड़े। राणा पर 26/11 हमले की साजिश रचने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं। यदि उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसे भारतीय कानून के तहत सजा दी जा सकती है। हालांकि, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जटिल है और इसमें कई साल लग सकते हैं।

आतंकवाद पर प्रभाव

राणा के खुलासे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। इन खुलासों से आतंकवादियों और उनके समर्थकों के बारे में नई जानकारी मिल सकती है, जिससे भविष्य में हमलों को रोकने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह भी सच है कि इन खुलासों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ सकता है और शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है।

निष्कर्ष

तहव्वुर राणा के खुलासे 26/11 मुंबई हमले की साजिश को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन खुलासों से पाकिस्तान सेना और लश्कर-ए-तैयबा के साथ राणा के संबंधों का पर्दाफाश होता है। राणा का प्रत्यर्पण और उस पर मुकदमा चलाना भारत के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि 26/11 हमले के पीड़ितों को न्याय मिल सके और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया जा सके। जागरण के अनुसार, भले ही परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, सत्य हमेशा सामने आता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

तहव्वुर राणा कौन है?

तहव्वुर राणा 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। उस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और हमले की योजना बनाने का आरोप है।

26/11 मुंबई हमला कब हुआ था?

26/11 मुंबई हमला 26 नवंबर, 2008 को हुआ था। यह हमला भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे।

पाकिस्तान सेना की 26/11 हमले में क्या भूमिका थी?

तहव्वुर राणा के अनुसार, पाकिस्तान सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन दे रहे थे और उन्हें हमले की योजना के बारे में पूरी जानकारी थी। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है।

राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया क्या है?

राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जटिल है और इसमें कई साल लग सकते हैं। भारत सरकार को अमेरिकी अदालतों में यह साबित करना होगा कि राणा पर लगाए गए आरोप सही हैं और उसे भारत में मुकदमे का सामना करना चाहिए।

लेखक के बारे में | About the Author

डॉ. अंजना सिंह

नेक्स्ट पावर एशिया रिसर्च टीम के सदस्य

Member of Next Power Asia Research Team

अनुसंधान अस्वीकरण | Research Disclaimer

यह लेख स्वतंत्र अनुसंधान और विश्लेषण पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के हैं और जरूरी नहीं कि वे किसी संस्था की नीति को दर्शाते हों।

This article is based on independent research and analysis. The views expressed are those of the author and do not necessarily reflect institutional policy.